सफल लोगों की बायोपिक और उनकी कहानियों पर आधारित फिल्मों को हमने कई बार बड़े पर्दे पर देखा है। लेकिन, क्या आपने कभी उन लोगों के बारे में सोचा है जो बैकबेंचर होते हैं, जिनके सपने शायद कभी पूरे नहीं होते या जिनसे कोई उम्मीद नहीं करता? ये सवाल हमारे सामने तब आता है जब हम डिज़्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज़ हुई फिल्म “वाज“ की बात करते हैं। यह फिल्म उन दोस्तों की कहानी है जो समाज के हिसाब से ‘गुड फॉर नथिंग’ माने जाते हैं। आइए इस फिल्म की समीक्षा करते हैं और समझते हैं कि क्या यह फिल्म वाकई देखने लायक है या नहीं।
फिल्म की कहानी
“वाज” की कहानी कुछ दोस्तों की है जो अपने स्कूल और घर में हमेशा डांट खाते हैं। स्कूल के शिक्षक और घर के माता-पिता, दोनों ही उनसे कोई खास उम्मीदें नहीं रखते। लेकिन, इन दोस्तों के बीच जो बंधन है, वह बेहद मजबूत और खास है। वे हमेशा साथ रहना चाहते हैं, चाहे जीवन में कुछ भी हो जाए। फिल्म की लंबाई लगभग 2 घंटे 2 मिनट है, और यह कहानी तीन अलग-अलग टाइमफ्रेम में चलती है—90 के दशक, 2000 के शुरुआती साल, और वर्तमान समय।
फिल्म का सबसे खूबसूरत हिस्सा इसका नॉस्टैल्जिया है। 90 के दशक की वो छोटी-छोटी बातें, जैसे गटर के पानी वाली पेप्सी या पहली बार पोर्न देखने का डर, दर्शकों को अपने पुराने दिनों की याद दिलाते हैं। यह सब देखकर एक हल्की मुस्कान आपके चेहरे पर आ जाती है। खासतौर पर जो लोग 90 के दशक के हैं, उन्हें यह फिल्म उनकी बचपन की यादों में खो जाने का मौका देती है।
कॉमेडी और इमोशंस का संतुलन
फिल्म का पहला हाफ दोस्तों की दोस्ती और उनकी कॉमेडी पर केंद्रित है। यह भाग आपको हंसा कर तरोताजा करता है। दोस्तों के बीच की नोकझोंक और मस्ती इस हिस्से को काफी हल्का-फुल्का बनाते हैं। लेकिन दूसरे हाफ में फिल्म इमोशनल हो जाती है। यहां फैमिली वैल्यूज़, माता-पिता की उम्मीदें, और दोस्तों के सपनों के बीच टकराव दिखाया गया है। यह हिस्सा दिल को छू जाता है, और शायद आपकी आंखें भी नम हो जाएं। फिल्म का संदेश यह है कि सपने ज़रूरी हैं, लेकिन परिवार का साथ और उनका समर्थन भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
अभिनय और कास्टिंग
फिल्म की कास्टिंग बेहतरीन है। खासतौर पर जो बच्चे इसमें कास्ट किए गए हैं, उनका अभिनय कमाल का है। आपको लगेगा कि आप खुद को स्क्रीन पर देख रहे हैं, जब वे मस्ती करते हैं, घूमते-फिरते हैं। उनकी दोस्ती और शरारतें आपको आपकी स्कूल की याद दिलाती हैं। पुराने और नए किरदारों ने भी अपने-अपने हिस्से में अच्छा काम किया है।
फिल्म की कमजोरियां
हालांकि फिल्म की कहानी और अभिनय प्रभावी हैं, फिर भी कुछ कमजोरियां नजर आती हैं। सबसे पहले, फिल्म की एडिटिंग थोड़ी और शार्प हो सकती थी। कुछ सीन अनावश्यक रूप से खींचे गए लगते हैं, जिन्हें या तो काटकर छोटा किया जा सकता था या फिर अधिक सटीक बनाया जा सकता था। क्लाइमेक्स भी उतना प्रभावी नहीं था जितना होना चाहिए था। फिल्म के शुरू के 15 मिनट थोड़े भ्रमित करने वाले हो सकते हैं, लेकिन बाद में उन दृश्यों का मेटाफोरिकल महत्व समझ आता है। फिर भी, यह हिस्सा दर्शकों को थोड़ी उलझन में डाल सकता है।
संगीत और बैकग्राउंड स्कोर
फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक (BGM) अच्छा है, लेकिन गाने उतने प्रभावी नहीं हैं। वे औसत हैं और फिल्म की कहानी में कोई खास प्रभाव नहीं डालते। हालांकि, फिल्म का आखिरी गाना काफी अच्छा है और कहानी के साथ पूरी तरह मेल खाता है।
पैरेंटल गाइडलाइंस
जहां तक पैरेंटल गाइडलाइंस की बात है, फिल्म में कोई न्यूड सीन या वल्गैरिटी नहीं है। हालांकि, एक सीन है जिसमें पोर्न से संबंधित आवाजें सुनाई देती हैं, लेकिन वह दृश्य आपको दिखाई नहीं देता। इसलिए फिल्म बच्चों के साथ देखी जा सकती है, लेकिन पैरेंट्स को इस सीन के बारे में पहले से जानकारी होनी चाहिए।
अंतिम विचार
“वाज” एक हल्की-फुल्की कॉमेडी-ड्रामा फिल्म है, जिसमें नॉस्टैल्जिया और इमोशंस का अच्छा मिश्रण है। हालांकि इसमें कोई बड़े ट्विस्ट या टर्न्स नहीं हैं, लेकिन फिर भी यह आपको हंसाने और रुलाने में सफल होती है। फिल्म का पहला हाफ आपको हंसी से लोटपोट करेगा, जबकि दूसरा हाफ आपको इमोशनली जोड़ने का काम करेगा। फिल्म की कास्टिंग और अभिनय प्रशंसा के योग्य हैं, और नॉस्टैल्जिया के पलों को जिस तरीके से फिल्माया गया है, वह आपको पुराने दिनों की याद दिलाने में सफल होते हैं।
अगर आप हल्की-फुल्की और दिल को छूने वाली फिल्मों के शौकीन हैं, तो “वाज” आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकती है। मैं इस फिल्म को 7 से 7.5/10 की रेटिंग दूंगा, क्योंकि यह फिल्म बहुसंख्यक दर्शकों के दिल से जुड़ने में कामयाब होती है।