आज मैं आपके लिए Sony live के नए शो 36 days web series review in hindi मे लेकर आया हूँ। मैंने हाल ही में इस शो के सभी आठ एपिसोड्स देखे हैं और अब आपको अपने अनुभव के बारे में बताने जा रहा हूँ। इस शो में कुल आठ एपिसोड्स हैं, और प्रत्येक एपिसोड लगभग 35 से 40 मिनट लंबा है। इस रिव्यू में, हम इस शो के प्लॉट, कैरेक्टर डेवलपमेंट, निर्देशन, और अन्य पहलुओं पर चर्चा करेंगे।
36 days web series Story in hindi
“36 डेज” की कहानी एक मर्डर मिस्ट्री पर आधारित है, जहां शो की शुरुआत एक खून से लथपथ बॉडी से होती है। शो फ्लैशबैक में जाकर 36 दिन पहले की घटनाओं को दिखाता है कि किस तरह यह मर्डर हुआ। हालांकि, प्लॉट में कई खामियाँ हैं और कहानी का कोई ठोस आधार नहीं है। स्टोरीटेलिंग में न कोई इमोशन है, न ही कोई डेप्थ, जिससे दर्शकों को कैरेक्टर्स के साथ जुड़ने में मुश्किल होती है।
कैरेक्टर डेवलपमेंट
शो में कई कैरेक्टर्स हैं, लेकिन किसी भी कैरेक्टर को सही तरह से विकसित नहीं किया गया है। उदाहरण के लिए, नेहा शर्मा का कैरेक्टर, जो शो के अंत तक एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, पहले एपिसोड में बिना किसी संवाद के प्रस्तुत किया जाता है। चंदन रॉय सानियाल का कैरेक्टर टोनी और तारा, एक ट्रांसजेंडर कैरेक्टर, के बीच की मुलाकातें भी बेहद सतही लगती हैं। अन्य कैरेक्टर्स जैसे कि बिन्नी, जिसे हमेशा ही हर जगह चूहा दिखाई देता है, और सिया, जो एक एक्ट्रेस है, का विकास भी अधूरा लगता है।
निर्देशन और स्क्रीनप्ले
शो का निर्देशन और स्क्रीनप्ले सबसे बड़ी कमियों में से एक है। स्क्रीनप्ले बेहद कमजोर है और कई बार शो के दृश्य बिना किसी तार्किक अनुक्रम के आगे बढ़ते हैं। उदाहरण के लिए, पहले एपिसोड में डॉक्टर जयकर का इंटरव्यू बीच में ही छोड़ दिया जाता है और अचानक से पार्टी के दृश्य में चला जाता है। ऐसे कई मौके आते हैं जहां दर्शक कंफ्यूज हो जाते हैं कि आखिर हो क्या रहा है।
एक्टिंग और परफॉरमेंस
शो में एक्टर्स की परफॉरमेंस ठीक-ठाक है, लेकिन कमजोर निर्देशन और खराब स्क्रीनप्ले के कारण उनका प्रदर्शन भी प्रभावित हुआ है। चंदन रॉय सानियाल, पूरब कोहली और नेहा शर्मा जैसे अच्छे एक्टर्स भी अपने कैरेक्टर्स को सही से निभाने में असमर्थ दिखते हैं। उनका उपयोग भी शो में सही तरीके से नहीं किया गया है।
सिनेमेटोग्राफी और प्रोडक्शन वैल्यू
शो की सिनेमेटोग्राफी और लोकेशन्स अच्छी हैं। विशेष रूप से, शो की लोकेशन्स थोड़ी बेहतर हैं और दृश्यत्मक रूप से आकर्षक लगती हैं। लेकिन कलर ग्रेडिंग और अन्य प्रोडक्शन वैल्यूज उतनी प्रभावी नहीं हैं जितनी होनी चाहिए।
36 days web series review in hindi
“36 डेज” एक ऐसी मर्डर मिस्ट्री है जो अपनी कमजोर कहानी, घटिया निर्देशन, और खराब स्क्रीनप्ले के कारण पूरी तरह से असफल साबित होती है। शो में न कोई इमोशन है, न ही कोई डेप्थ, और न ही कोई इंटेंसिटी जो दर्शकों को बांधे रख सके। अगर आप एक अच्छी मर्डर मिस्ट्री की उम्मीद कर रहे हैं, तो यह शो आपके लिए नहीं है।
रेटिंग
मेरी तरफ से इस शो को एक स्टार मिलेगा, वह भी केवल एक्टर्स के प्रयासों को ध्यान में रखते हुए। बाकी, यह शो पूरी तरह से फ्लॉप है और समय की बर्बादी है।
निष्कर्ष
अगर आपने “36 डेज” देखा है, तो अपने विचार हमें कमेंट्स में जरूर बताएं। और अगर नहीं देखा है, तो मेरी सलाह है कि इसे देखने का समय न बर्बाद करें। अपने फीडबैक और सुझाव हमें लिखें, धन्यवाद!
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